NOT KNOWN FACTUAL STATEMENTS ABOUT हिंदी कहानियां

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हिंदी कहानी सुनाओ

खरगोश को देखकर सिंह ने क्रोध से लाल-लाल आँखे करके गरजकर कहा- ”अरे खरगोश, एक तो तू छोटा हैं और इतनी देर लगाकर आया हैं, आज तुझे मारकर कल जंगल के सारे पशुओ की जान ले लूँगा.

महात्मा जी ने इस समस्त कार्यवाही का उद्देश्य केवल यही था कि दोनों का क्रोध कुछ कम हो जाए, ताकि उन्हें समझाया बुझाया जा सके और हुआ भी यही.

स्त्रेरह बिचिया ल्याई म्हारा बीर-टमरकटूँ

एक दिन, खरगोश ने सोचा क्यों न कछुए से दौड़ लगाई जाए। उसने कछुए से पूछा और कछुआ सहमत हो गया, और दौड़ शुरू हो गई।

यह सुनकर उस धनी युवक की आँखों से प्रेम की धारा बह पड़ी, और बेटी को गले लगा दिया. तभी वह मन ही मन सोचने लगा,

तभी एक बोला- हाँ, भाई हाँ क्यों न हम कुछ खरीदकर आपस में बाँट लेते हैं.

उस ज्वार के खेत का मालिक बेहद लोभी लालची किस्म का व्यक्ति था.

एक बार, दो पड़ोसी थे, जिनके पास अपना–अपना बागान था और वे उनमें पौधे उगाते थे। उनमें से एक पड़ोसी बहुत सख्त था और अपने पौधों की जरुरत से ज्यादा देखभाल करता था। दूसरा पड़ोसी, उतना ही करता था जितने की आवश्यकता थी, लेकिन वह अपने पौधे की पत्तियों को अपने मन–मर्जी दिशा के बढ़ने देता था।

कुछ दिन बाद एक दिन प्रातकाल इस मंत्रीराजा ने दोनों राजाओं, जमीदार तथा सेठ सभी को अपने यहाँ आमंत्रित किया.

देथा जी की अन्य लघु कथाएं मैं बातां री फुलवारी,प्रेरणा,सोरठा,रूँख,कबू रानी,बापु के तीन हत्यारे विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं.

उसने सोचा यह कुरज हमेशा बिगाड़ करती हैं,इसे पकड़ना चाहिए

दोनों संदीपन गुरु के आश्रम में पढ़ते थे. दोनों में प्रगाढ़ मित्रता थी. एक बार गुरुमाता ने उनको वन से लकड़ी लाने भेजा.

कुछ भी नही. वे खाली हाथ संसार में आए थे वैसे ही खाली हाथ इस संसार से चले गये.

”बुद्धिर्यस्य बलं तस्य” इस पौराणिक कहानी में देवताओं के परीक्षा में सफल होने का यही आधार बताया गया हैं.

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